भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली भेजने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस वेब स्टोरी में, हम इस घटना की जानकारी साझा करेंगे।
डीआरडीओ चेयरमैन, डॉ. समीर वी कामत, ने आगामी निर्यात योजनाओं की रहस्यमयी बातें बताईं और भारत के रक्षा क्षेत्र में विकास के व्यापक क्षेत्र को हाइलाइट किया।
निर्यात प्रक्रिया अगले 10 दिनों में शुरू होने वाली है, जिसमें ग्राउंड सिस्टम पहले आएगा। ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की पहली सेट का अंत मार्च 2024 तक फिलीपींस पहुंचने की उम्मीद है।
इस USD 375 मिलियन के डील को डीआरडीओ की सबसे बड़ी विदेशी रक्षा ठेका के रूप में गणना की जा रही है, जिसमें फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली के ग्राउंड सिस्टम मिलेगा।
विविध उत्पाद सीरीज: LCA Mk-1A, Arjun Mk-1A, QRSAM, और टैक्टिकल मिसाइल्स जैसे उत्पाद भारत की रक्षा क्षमताओं में महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं।
Safran के साथ चल रही चर्चाएं: एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए इंजन विकसित करने के लिए Safran के साथ चल रही चर्चाएं, 2028 तक LCA Mark 2 की योजनाएं।
संयुक्त उद्यम की कड़ी में सफलता: डीआरडीओ और रूस के NPO Mashinostroyeniya के बीच ब्रह्मोस, दुनिया के सबसे सफल मिसाइल कार्यक्रमों में से एक है।
सौदा विवरण: 2022 में फिलीपींस के साथ किया गया सौदा ब्रह्मोस मिसाइल के शॉर-आधारित एंटी-शिप वेरिएंट की आपूर्ति पर केंद्रित है।